सीताकौर देवी की प्रतिमा का लोकार्पण करतीं जिला पंचायत अध्यक्ष बागपत श्रीमती ममता किशोर, पूर्व विधायक डॉ. अजय तोमर, पूर्व राज्यमंत्री कुलदीप उज्जवल
सीताकौर देवी पुस्तकालय
श्रीमती सीताकौर देवी एक महान महिला थीं। वे जन्म से निरक्षर थीं और निरक्षर ही रहीं, लेकिन उन्होंने हमेशा शिक्षा को प्रोत्साहन दिया। अत्यंत संघर्षशील जीवन होते हुए उन्होंने अपनी सभी संतानों को उच्च शिक्षा दिलाई एवं आसपास के बच्चों को भी शिक्षा के लिए न केवल प्रोत्साहित किया, वरन उनकी आर्थिक मदद भी की। वे शिक्षा के लिए लड़कियों को भी प्रोत्साहित करती थीं। उनके युग में लड़कियां स्कूल नहीं जाती थी, तब उन्होंने साहस करके अपनी छोटी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाई एवं उनकी प्रेरणा से गांव की अन्य कई लड़कियों ने भी उच्च शिक्षा प्राप्त की। सीताकौर परोपकार में भी विश्वास रखती थी। उनके घर अतिथि भाव से कई वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी आते थे, जिन्हें वे पितातुल्य मानकर उनकी सेवा करती थी। कई प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानियों का अतिथि सत्कार करने का उन्हें जीवन में सौभाग्य मिला है। सीताकौर देवी के पति श्रीपाल आर्य अपने दोनों हाथों से विकलांग हो गए थे, ऐसे समय में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वे संघर्ष करते हुए समाज को बेहतर बनाने के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका अदा करती रहीं। उनकी स्मृति में नीरा आर्य स्मारक के प्रांगण में एक पुस्तकालय की स्थापना की गई है। सीताकौर देवी के नाम पर छात्रवृत्ति की योजना भी है, जो निर्धन छात्रों को प्रदान की जाती है।